
“थपकी”-
नमस्कार मित्रों।आज मैं आपको एक छोटी किन्तु बहुमूल्य सौगात के बारे में बताना चाहता हूँ।वह है-“थपकी”।अंग्रेज़ी में थपकी की परिभाषा यह है कि- The gentle tapping on back,face or chest of any person by his/her beloved to provoke peace/rest/assurance.
यह थपकी इतनी अनमोल इसलिए है क्योंकि यह बच्चों के मनोविज्ञान की कई त्रुटियों को अनायास ही दूर कर देती है।प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान के अनुसार जिन लोगों को बचपन में उनके माता-पिता अथवा अभिभावक(guardian) ने सोते समय थपकी देते हुए सुलाया है उन्हें बड़े होने पर मनोरोग होने की संभावना लगभग शून्य रहती है।ऐसे लोग जीवन के किसी भी मोड़ पर कभी हताश नही होते और इनकी तनाव झेलने और संघर्ष करने की शक्ति अदम्य रहती है।थपकी देते समय जो लयबद्ध थापें दी जाती है वो हमारे अवचेतन मस्तिष्क के अति गूढ़ “संगीत केंद्र” को उन्मीलित करती है।कालांतर में ऐसे बच्चें संगीत की दिशा में उन्मुख होते हैं और वे अपने जीवन को भी एक उतार चढ़ाव वाले संगीतमय सप्तक के रूप में देखकर आनंदित रहते हैं। मेरे क्लिनिक पर बच्चों की काउंसलिंग करवाने आने वाले अभिभावकों को कई बार मैं इसी निःशुल्क पर अत्यंत प्रभावी उपचार “थपकी” की सलाह देते रहता हूँ। दंभयुक्त और भारतीयों पर थोपी गई तथाकथित “आधुनिक” चिकित्सा पद्धति अब धीरे-धीरे अपनी जड़ों को प्राचीन भारतीय चिकित्सा विज्ञान में टटोलने का प्रयत्न कर रही है।
तो आज से ही आप सभी इसी मधुर थपकी की जादुई जैविक ऊर्जा को स्वयं भी अनुभव करें और अपने बच्चों तक निःसंदेह सम्प्रेषित करें।
-मूल लेखक
डॉ.सुमित दिंडोरकर
B.H.M.S.,M.D.(Mumbai)
होम्योपैथ व काउंसिलर
मॉडर्न होम्यो क्लिनिक
(Estd.–1982)