“ठंड”
किस्सा ज़िन्दगी का:-
क्लिनिक में मेरी एक मरीज से बात हो रही थी।
मैं-आज कल लोग बार-बार बीमार पड़ रहे हैं क्योंकि मौसम बहुत बदल चुका है।इतने लंबे समय तक ठंड खरगोन में नही पड़ती।निमाड़ के लोग साल के लगभग 8 महीने गर्मी सहन करने के लिए ढलें हैं।
मरीज़-डाकसाब,ये सब नहरों के कारण हो रहा है।नर्मदा की नहरों से निमाड़ पंजाब बन रहा है।हमारे नेताजी की बदौलत सारी नहरें आयी है और यहाँ का मौसम बदल रहा है।
मैंने सोचा-बस यही सुनने के लिए ईश्वर ने अब तक जीवित रखा था।अब मौसम बदलने में भी नेताओं का तथाकथित योगदान होने लगा है।ग्लोबल वार्मिंग जैसे शब्द तो बच्चों को डराने के लिए बनाए गए हैं।
मैने कहा-तो नेताजी के ही कारण लोग भी बीमार पड़ रहें होंगे?
उस नेताजी के पिल्ले को साँप सूंघ गया।बगलें झांकते हुए खिसियानी सी हँसी के साथ चुपचाप मेरी फीस टेबल पर रखी और रवाना हो गया।
-मूल लेखक
डॉ.सुमित दिंडोरकर
B.H.M.S.,M.D.(Mumbai)
होम्योपैथ व काउंसिलर
मॉडर्न होम्यो क्लिनिक
(Estd.–1982)